चतुर्थ दिवस कुष्मांडा देवी -  क्षमा कौशिक

 
pic

सिंह वर वाहिनी, माँ दिव्य देह धारणी।
सृष्टि की नियोजिका कुष्मांडा को 
प्रणाम है।।

अष्टभुजी शस्त्र सजी,सूर्य सम तेज सजी।
योग माया रूपिणी, भवानी को
 प्रणाम है।।

दानव दलन करे,भक्तों के कष्ट हरे।
ऐसी दया दायिनी भवानी को 
प्रणाम है।।

जहाँ भी ये वास करे,रिद्धि सिद्धि साथ रहे।
गौर वर्ण शोभिनी शिवानी को
प्रणाम है।।

लोभ मोह दीनता का, लेश भी न शेष रहे।
सुरा पात्र धारिणी,कुष्मांडा को
प्रणाम है।।

माल पुआ भोग लगे,कुंभल की बलि चढ़े।
नव्य रूप धारिणी, भवानी को 
प्रणाम है।।
- डा० क्षमा कौशिक, देहरादून , उत्तराखंड
 

Share this story