करें योग, बने रहें निरोग - सुनील गुप्ता
( 1 ) करें योग
बने रहें निरोग,
और अपने ' स्व ' में रहें स्थित सदा !
है स्वस्थ शरीर ये श्रीप्रभु मंदिर के समान..,
और इसके बने हम एक श्रेष्ठ पुजारी यहाँ !!
( 2 ) बने रहें
सजग और जाग्रत,
और करते रहें योग सुबह-शाम !
चलें जीवन को बनाएं सदा अनुशासित....,
और भोग प्रवृतियों से चलें बनाएं दूरी हम !!
( 3 ) करें योग
तो रहेंगे निरोग,
और करते चलेंगे जीवन का उन्नयन !
नित्य सवेरे अलभोर ब्रह्ममुहूर्त में उठके....,
चलें शांत मन से लगाएं ध्यान और आसन !!
( 4 ) जिएं जीवन
उन्मुक्त प्रकृति जैसे,
और सदा बने रहें यहाँ पे प्रकृतिस्थ !
सदा सुनते चलें शरीर की लय ताल सुर...,
और करते रहें आत्मरमण बनें स्व में रहके स्थित !!
( 5 ) योगमय शैली
से खिल उठे जीवन,
और बढ़े नित आनंद खुशियों की पूँजी !
आओ, चलें अपनाएं जीवन में योगविद्या..,
है यही एकमात्र यहाँ पे सफलता की कुँजी !!
- सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान