दोहे - मधु शुक्ला
May 11, 2023, 22:36 IST
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शिक्षा के सैलाब से, जन मन हुआ सुजान।
पनप रहा है देश में, सहज सजग मतदान।।
पनप रहा है देश में, उत्तम न्याय विधान।
दीन दलित निर्धन अधर, प्रगटी है मुस्कान।।
अंकुश भ्रष्टाचार पर, आतंक पर प्रहार।
पनप रहा है देश में, सैनिक का सत्कार।।
राज तंत्र के घट रहे , जब से पोषक तत्व।
पनप रहा है देश में, शासक से अपनत्व।।
— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश