पटना की डा. अणिमा श्रीवास्तव को दिल्ली में हिंदी सेवी सम्मान, जंतर-मंतर पर हुई सभा में हुईं शामिल
Utkarshexpress.com पटना (बिहार)- बिहार की राजधानी पटना की युवा कवियत्री एवं शिक्षिका (के. वि.) डॉ अणिमा श्रीवास्तव को "हिंदी सेवी सम्मान" और " हिंदी हैं हम" मैडल देकर सम्मानित किया गया है। डॉ अणिमा को यह सम्मान प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा की दिल्ली में 14 सितंबर' 2024 को जंतर मंतर में ऐतिहासिक सभा में दिया गया।
प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के इस आयोजन में देशभर से कवियों/ कवियित्रियों /साहित्यकारों/शिक्षाविदों /पत्रकारों /समाजसेवियों ने हिस्सा लिया। जंतर मंतर में आजादी के बाद पहली बार हिंदी सेवियों ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु एक स्वर में समर्थन किया। संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी के नेतृत्व में प्रदीप मिश्र अजनबी के संचालन में सभा प्रारंभ की गई। सभा के मुख्य अतिथि डॉ देवी पन्थी एसोसिएट प्रोफेसर त्रिभुवन विश्वविद्यालय एवं अध्यक्ष चारु साहित्य प्रतिष्ठान संस्थान व अध्यक्षता डॉ घनश्याम न्योपाने परिश्रमी नेपाल एसोसिएट प्रोफेसर त्रिभुवन विश्वविद्यालय एवं कुलपति बर्दघाट प्रज्ञा प्रतिष्ठान नवलपरासी नेपाल व विशिष्ट अतिथि डॉ हरेन्द्र हर्ष बुलंदशहर रहे।
14 सितंबर को जंतर मंतर में मुख्य रूप से रामप्रवेश पंडित मेदिनीनगर पलामू, संतोष कुमार पाठक गढ़वा, बिनोद कुमार पांडेय नोएडा, प्रभा बच्चन श्रीवास्तव जबलपुर, राजकुमारी रैकवार राज जबलपुर, तरुणा खरे जबलपुर, भैरु सुनार मनासा , सुधीर सिंह सुधाकर दिल्ली, डॉ प्रेम शंकर द्विवेदी भास्कर जौनपुर, डॉ अखिलेश मिश्रा, बसंत कुमार 'ऋतुराज'अभनपुर, श्रीमती ओमेश्वरी साहू अभनपुर छत्तीसगढ़, अभीष्ट कुमार मिश्रा जबलपुर, डॉ हरिदास बड़ोदे 'हरिप्रेम' मेहरा आमला बैतूल, राम लखन गुप्ता चाकघाट, सुरेन्द्र कुमार सिंह चांस मऊ, डॉ अन्नपूर्णा श्रीवास्तव पटना , डॉ अणिमा श्रीवास्तव पटना, दुर्वा दुर्गेश वारिक 'गोदावरी' गोवा, दुर्गेश वारिक गोवा, विजयानन्द प्रयागराज, दीपक गोस्वामी बहजोई, ज्ञान प्रकाश उपाध्याय पवासा सम्भल, पं. अरुण हरदैनिया प्रधान संपादक बोलती खबरें दिल्ली, कुंवर प्रताप सिंह प्रतापगढ़, आशुकवि भैरु सुनार मनासा, गोपाल जाटव विद्रोही, विश्व भूषण गुप्त बेगूसराय, आदि उपस्थित रहे।
जंतर मंतर में ऐतिहासिक सभा व प्रदर्शन में मनीषियों ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु विचार अभिव्यक्त किया और हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु अपने विचार व्यक्त किए। अंत में देशभर के कविओं ने कविता पाठ कर खूब गरजे।
इसी क्रम में अंतरराष्ट्रीय कवि गोष्ठी में दिनांक 15 सितंबर को आयोजित कवि गोष्ठी में मुख्य अतिथि डॉ देवी पन्थी एसोसिएट प्रोफेसर त्रिभुवन विश्वविद्यालय एवं चारु साहित्य प्रतिष्ठान नवलपरासी नेपाल व अध्यक्षता डॉ घनश्याम न्योपाने परिश्रमी नेपाल एसोसिएट प्रोफेसर त्रिभुवन विश्वविद्यालय एवं कुलपति बर्दघाट प्रज्ञा प्रतिष्ठान नवलपरासी नेपाल व विशिष्ट अतिथि प्रदीप मिश्र अजनबी दिल्ली रहे। जिसमें देश विदेश के कवियों कवयित्रियों ने अपनी काव्य प्रस्तुतियों से शमां बाधा।
कवि गोष्ठी का संचालन भैरु सुनार मनासा व आभार डॉ विश्व भूषण गुप्त ने अभिव्यक्त किया।हिन्दी पखवाड़े के समापन के अवसर यह सफल अंतरराष्ट्रीय गोष्ठी सम्पन्न हुई।
इसके पहले भी नामचीन संस्थाओं द्वारा डा.अणिमा को सम्मानित किया जा चुका है। जिनमे "काव्य गौरव सम्मान", "एकजुट सम्मान", "मातृ सम्मान", सुमित्रानंदन पंत सम्मान 2024, प्रेमचंद स्मृति सम्मान आदि प्रमुख हैं। ज्ञातव्य है कि खगौल निवासी डॉ अणिमा श्रीवास्तव के माता-पिता (श्रीमती कुमारी बिंदु- पांडे उपेंद्र कुमार श्रीवास्तव) भी शिक्षक थे। डॉ अणिमा 500 से भी अधिक रचनाएं लिख चुकी हैं।इनकी रचनाएं देश विदेश की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो रही हैं और आनलाइन आफलाइन, प्रसार भारती और दूरदर्शन के साहित्यिक आयोजनों में इनकी सक्रियता को विशिष्ट पहचान मिल रही है।
डा. अणिमा श्रीवास्तव को "हिंदी सेवी सम्मान " से सम्मानित किए जाने पर प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के मानद संरक्षक वरिष्ठ कवि/ साहित्यकार सुधीर श्रीवास्तव (गोण्डा) सहित परिवार,सगे संबंधियों, अनेक साहित्यिक मनीषियों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्हें बधाइयां शुभकामनाएं आशीर्वाद देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।