होली में - डा० क्षमा कौशिक

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हुई होलिका भस्म दंभ कश्यपु  का  टूटा,
हुई सत्य की जीत हुआ हर्षित मन सबका।

बजते ढोल मंजीर सभी दे ताली नाचें।
होली में पी भंग मगन मन मोद मनावें ।

रंगों से भर हाथ चली लड़कों की टोली,
डर डर भागे इधर उधर सब छोर छोरी ।

भर पिचकारी मार छिपी हुड़दंगी टोली,
लगी मचाने शोर आई  रे आई  होली।
- डा० क्षमा कौशिक, देहरादून, उत्तराखंड
 

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