डॉक्टर - सुनील गुप्ता

(1) " डॉ ", डॉक्टर हैं साक्षात् भगवान स्वरुप
करते हैं ठीक सबकी हारी बीमारी !
रहते हैं ये सतत सेवा में तैयार.....,
और करते हैं मरीज की तीमारदारी !!
(2) " क् ", क्या है मरीज की परेशानी समस्या
ये सुन करते हैं शुरू तत्काल ईलाज !
और उसे सुझाकर अपनी अनमोल राय....,
दूर भगाए चलते हैं उनका हरेक मर्ज !!
(3) " ट ", टहल सेवा डॉक्टर की देख यहां पर
हैं हम सभी इनके प्रति आभारी !
ये रहते हैं सदा ही यहां पर व्यस्त......,
और करते नहीं पेशे से कभी गद्दारी !!
(4) " र ", रक्षा कर हमारे स्वास्थ्य प्राणों की सदा
ये दूर करते चलते हैं हमारा मर्ज़ !
हम रहें सदा इनके प्रति अनुग्रहित......,
और निभाए चलें अपना यहां फर्ज़ !!
(5) " डॉक्टर ", डॉक्टर की लेकर यहां परम सेवाएं
दें हम अपनी इन्हें ख़ूब दुआएं !
ये करें तरक्की नित अपने जीवन में......,
और हों पूर्ण इनकी सब मनोकामनाएं !!
-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान