एहसास - ज्योति श्रीवास्तव
Jul 6, 2024, 22:34 IST
कब हुई उनसे ये कुर्बत कौन जाने,
दिल चुराने की शराफ़त कौन जाने।
बस उन्हीं से है मुहोब्बत ज़िन्दगी को,
प्यार उनसे या इबादत कौन जाने।
नेक दिल की ये दुआओं का असर है,
इसलिए मैं हूं सलामत कौन जाने।
रंग क्या लायेगी किस्मत क्या कहूं अब,
रब की होगी कब इनायत कौन जाने।
जिंदगी बेहतर हुई सरकार कहती,
क्यों गरीबों की ये हालत कौन जाने।
पास रहने की कवायद बस करे दिल,
क्यों मुहोब्बत में है फुरकत कौन जाने।
बस सताने की अदा तो "ज्योटी" उनकी,
क्यों करें हमसे शरारत कौन जाने।.
- ज्योति श्रीवास्तव, नोएडा , उत्तर प्रदेश