हर बेघर को घर मिलेगा मध्यप्रदेश में - नरेंद्र मोदी

 
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utkarshexpress.com - अपने घर का सपना संजोये गरीब परिवारों की उम्मीदें पूरी करने में मध्यप्रदेश सरकार ने देश में सर्वोत्तम प्रदर्शन किया है। मध्य प्रदेश को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में 38 लाख 415 आवास निर्माण लक्ष्य मिला था। अब तक 36 लाख 40,371 आवास बनाकर मध्य प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर आ गया है। 3.79 लाख आवासों का निर्माण चल रहा है। 
प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी की सोच है कि घर की चाबी- सम्मान, आत्मविश्वास, सुनिश्चित भविष्य, नई पहचान और बढ़ती संभावनाओं का द्वार खोलती है। इसी सोच के साथ 2016 में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की शुरुआत हुई थी। हर नागरिक का सपना है उसके परिवार का अपना घर हो। अपना सपना पूरा करने में कई बाधाएं आती हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) इन बाधाओं को करने में प्रभावी सिद्ध हुई है। परिणामस्वरूप मध्यप्रदेश में लाखों लोगों के पास अपना घर है। 
ग्रामीण क्षेत्रों में बेघर परिवारों और कच्चे एवं जीर्ण-शीर्ण मकानों में रहने वाले परिवारों को 2024 तक बुनियादी सुविधाओं सहित पक्के मकान की सुविधा देने का लक्ष्य है। यह नागरिकों की गरिमा से जुड़ी योजना है। अधिक से अधिक महिलाओं, दिव्यांगों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों को आवास की सुविधा मिल। 
आवास में बुनियादी सुविधाओं की आपूर्ति के लिए अन्य योजनाओं का भी सहयोग लिया गया है। शौचालय को पीएमएवाई-जी आवास का अभिन्न अंग बनाया गया है। आवास को केवल तभी पूरा माना जाएगा जब शौचालय का निर्माण कार्य पूरा हो। मनरेगा में 90/95 श्रम दिवस की अकुशल मजदूरी का  प्रावधान है। सौभाग्य योजना में बिजली का कनेक्शन, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना से एलपीजी का कनेक्शन निशुल्क प्रदान किया जाता है। जल जीवन मिशन में पाइप से जल आपूर्ति की जा रही है। केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं को साथ लाकर गरीब जरूरतमंदों को आवास सुरक्षा दी गई है। 
जनजातीय परिवारों में आई खुशी - 
प्रदेश के गुना जिले की ग्राम पंचायत मूंदरा खुर्द में रहने वाली सहरिया जनजाति के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) परिवर्तनकारी साबित  हुई। कच्चे टूटे मकान में रहने वाले सहरिया परिवारों के अब पक्के मकान हैं। उन्होंने अपने आशियाने को नीले रंग से रंगा। दूर से ही उनके मकान पहचाने जा सकते हैं। ग्राम पंचायत मूंदरा खुर्द की कृष्णा बाई कहती हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना से उनकी गरिमा बढ़ी है। 
शाजापुर जिले की ग्राम पंचायत भीलखेड़ी की रामकुंवर बाई गरीबी और दिव्यांगता के कारण जीवन भर कई अड़चनों का सामना करती आईं। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण ने उन्हें सहारा दिया। रामकुंवर बाई बताती है कि योजना में माध्यम से जब उनका खुद का पक्का मकान तैयार हो गया तो उनके पति बालाराम खुशी से झूम उठे। पहले कभी इतनी खुशी नहीं हुई थी। उनका कच्चा मकान चूल्हे के धुएं से भर जाता था। अब घर भी पक्का है और एलपीजी कनेक्शन भी मिल गया। घर में शौचालय है और पाइप कनेक्शन से जल भी मिल रहा है। कई महिलाएं अपने आवास का सपना पूरा होते देखकर अभिभूत हो रही है। आवास का आवंटन संयुक्त रूप से पति और पत्नी के नाम से हो रहा है। यह महिला सशक्तिकरण के लिये यह अनूठी पहल है। 
लाभार्थियों की सूची की वैधता ग्राम सभा प्रमाणित करती है। इससे केवल जरूरतमंद लोगों को ही मदद मिलती है। अच्छी गुणवत्ता वाले आवासों के लिए राजमिस्त्रियों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किये गए हैं। प्रधानमंत्री जनमन मिशन में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह को लाभ देने के लिये सर्वे चल रहा है। अब तक 64594 हितग्राहियों के आवास स्वीकृत कर 45520 के खाते में प्रथम किश्त के पैसे दे दिये गये हैं। 
गुणवत्ता के लिये कड़ी निगरानी - 
मकान के निर्माण के विभिन्न चरणों की जियोटैग्ड तथा टाईम स्म्पटैड फोटोग्राफ को वित्तीय सहायता राशि की अगली किश्तों की रिलीज के साथ जोड़ा जाता है। फोटोग्राफ को निर्माण की गुणवत्ता तथा आवासों के पूरा होने की समीक्षा के लिए उपयोग किया जाता है। लाभार्थियों  के निर्धारण से लेकर मकान के निर्माण तक से जुड़ी सहायता प्रदान करने तक के कार्य एमआईएस आवास सॉफ्ट पर किए जाते हैं। लाभार्थियों के खाते में भुगतान प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से किया जाता है। योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए कई स्तरों पर निगरानी की जाती है। सामुदायिक भागीदारी से सामाजिक लेखा-परीक्षा, सांसदों की अध्यक्षता में दिशा समिति की बैठक, राष्ट्र स्तरीय निगरानीकर्ता के माध्यम से योजना के संचालन की समीक्षा नियमित रूप से की जाती है। 
गरीब आवासहीनों के अपने आवास के सपने को साकार करने के लिए केंद्र सरकार के अंतरिम बजट 2024-25 में परिवारों की संख्या बढ़ने के कारण नई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में अगले पांच वर्षों में दो करोड़ अतिरिक्त मकानों का निर्माण शुरू करने का प्रावधान है। मध्यप्रदेश में हर जरूरतमंद गरीब को छत मिलने का संकल्प पूरा होगा।(विनायक फीचर्स)

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