मोबाइल या टीवी दिखाकर बच्चों को खाना खिलाना घातक- डॉ राकेश चक्र

 
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utkarshexpress.com- एंड्रॉयड मोबाइल और टीवी का चलन ज्यों - ज्यों बढ़ रहा है , त्यों - त्यों बड़ों के साथ बच्चे भी उसके आदी होते जा रहे हैं। जिसका बुरा असर उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर परिलक्षित होता प्रतीत हो रहा है। 
माताएँ छोटे बच्चों को खाना खिलाते समय उनके हाथों में मोबाइल पकड़ा देती हैं। ताकि उनका बच्चा आसानी से खाना खा ले। यही लत बच्चों और बड़ों को गंभीर बीमारियों का कारण बन रही हैं। 
बच्चों को इस तरह मोबाइल देखकर खाने से उन्हें न किसी चीज स्वाद पता लगता है और न ही उन्हें पता चलता है कि उसका पेट भर गया है। न वह चबाकर खाना खाता है और गस्से को यूँ ही निगल लेता है। इस तरह बच्चों में पेट दर्द और मोटापे की शिकायतें आम हो गईं हैं। डॉक्टरों के यहाँ अनावश्यक भीड़ बढ़ रही है । समय और धन बरबाद हो रहा है। 
 बाद में यही लत बच्चों की आँखों को कमजोर कर ज्यादा पावर के आँखों पर लैंस चढ़ा रही हैं। बाद में माता पिता चाहकर भी उनको मोबाइल से दूर नहीं कर पाते हैं। घर में तनाव का वातावरण शुरू हो जाता है। कई बार बच्चे घातक कदम भी उठा लेते हैं।
इस तरह बच्चे से माँ और पिता का दुलार भी मोबाइल छीन लेता है, उसे मोबाइल के साथ ही जीवन जीना अच्छा लगने लगता है।
समय रहते माताएँ जागरूक हो जाएं -
माताएँ बच्चों को संस्कारवान बनाकर देश का अच्छा नागरिक बनाना चाहती हैं तो उन्हें गर्भावस्था से ही बच्चे की खातिर त्याग और निष्ठा का परिचय देना होगा। साथ ही बच्चे के पालन - पोषण के समय भी मोबाइल और टीवी चैनलों से दूरी बनानी होगी। क्योंकि बच्चे पर गर्भावस्था से ही बच्चे के जीवन पर सकारात्मक या नकारात्मकता का प्रभाव पड़ना प्रारम्भ हो जाता है। 
मोबाइल और टीवी की लत बच्चों में माता - पिता ही लगा रहे हैं जो बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए घातक है।
विकास में बाधक -
 बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास तभी संभव है , जब बच्चा मोबाइल और टीवी से थोड़ा दूरी बनाए रहता है। उसमें सामाजिकता का विकास बढ़ता है। बच्चे के साथ  कुछ घरेलू और पार्क आदि में जाकर खेल खेलने चाहिए , ताकि बच्चे का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा रहे। वे देश के अच्छे नागरिक बनें।(विभूति फीचर्स)

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