फिदा तनमन - अनिरुद्ध कुमार

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नजर में प्यार की शोखी, लबों पर आज भी यौवन।
नजर भर देख लेने से, खिले दिलबाग का मधुबन।।

लगे झोंका बहारों का, मचल जाता दिवानापन।
जिगरमें गूंजते नग में, निगाहों में कुंआरापन।।

गुलाबी रंग मन मोहे, झलकता आँख में सावन।
तरोताजा खुशी झूमें, लुभाये यार जब बनठन।।

इन्हीं से जिंदगी अपनी, लगे रंगीन है गुलशन।
निगाहें नूर मनभावन, अदायें खास बांकापन।

हमेशा प्यार का भूखा, यही'अनि' का लगे जीवन।
लुटादी जिंदगी सारी, इशारों पर फिदा तनमन।।
अनिरुद्ध कुमार सिंह, धनबाद, झारखंड
 

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