गीत (भोलेनाथ) - मधु शुक्ला

 
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करते भोलेनाथ हमारे, सावन से अति प्यार।
भांग धतूरा प्रिय है उनको, गंगाजल की धार।।

शिव शंकर कैलाश निवासी, जप में रहते लीन।
राम नाम जिह्वा पर रखते, रहें राम आधीन।
तीन लोक की प्रभुता उनको, लगती है बेकार........ ।

गंगा धारा धारण करते, चंदा रखते माथ।
गौरा माता गणपति देवा, रहते उनके साथ।
सेवा से रखते नंदी जी, हर्षित शिव परिवार...... ।

भोलेबाबा शुचि मन द्वारा, गहते पूजा पाठ। 
उन्हें नहीं आकर्षित करता, धन से सज्जित ठाठ।
सच्चे भक्तों पर शिव करते, ममता की बौछार....... ।
— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश
 

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