गीतिका - मधु शुक्ला
Wed, 15 Mar 2023

नाचो गाओ धूम मचाओ, कहे सभी से यह पिचकारी,
ईर्ष्या ,द्वेष दहन की कर लो, होली के दिन सब तैयारी।
पीले, नीले, लाल, गुलाबी, रंग सभी खुशियाँ छलकाते,
बाल बृंद की किलकारी पर,है सारी दुनिया बलिहारी।
गुझिया में सद्भावों की जब, हो मिठास रसना सुख पाये,
रखे सुगंधित संबंधों को, मलयानल सम मन फुलवारी।
पर्वों का उद्देश्य समझकर,उन्हें मनायें मिलकर हम सब,
बढ़े एकता पाये पोषण, उपकारी प्रिय रीति हमारी।
कौन अकेला जीना चाहे, ललचाये सबको अपनापन,
स्वार्थ,अहं को तज अपना लो,सीधी सच्ची दुनियादारी।
— मधु शुक्ला .सतना , मध्यप्रदेश