गीतिका - मधु शुक्ला
Feb 3, 2024, 22:08 IST
उमंगें जिंदगी में प्रेम लाया,
मधुर सपने सजे मन मुस्कुराया।
नहीं थी आइने की मैं दिवानी,
सजन आये निकट शृंगार भाया।
हुई पहचान उल्फत से हँसा मन,
बनी है मोगरे की डाल काया।
हुआ है शायरी का शौक हमको,
मुहब्बत ने हमें शायर बनाया।
हमें अनुभूति जो देती उमंगें ,
उसी पर क्यों जगत ने जुल्म ढाया।
— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश