गीतिका - मधु शुक्ला 

 
pic

जो नहीं हैं साथ उनको मत भुलाना तुम,
श्राद्ध में श्रद्धा सहित मस्तक झुकाना तुम।

पूर्वजों के योग से परिवार बनता है,
भेंट कर श्रद्धा सुमन आशीष पाना तुम।

पितृपक्ष के वर्ष में पन्द्रह दिवस होते,
वक्त उनके हेतु अपना कुछ बचाना तुम।

जो करेंगे हम वहीं संतान सीखेगी ,
कर्म से उनके हृदय में घर बनाना तुम।

वंश का अस्तित्व रखना है सुरक्षित यदि,
रीति तर्पण की सतत आगे बढ़ाना तुम।
- मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश
 

Share this story