गीतिका - मधु शुक्ला
Oct 3, 2024, 22:20 IST
सीख देता उम्र का हर साल है,
ज्ञान गहने से चमकता भाल है।
अनुभवों से ज्ञान जो अर्जित किया,
बन न पाता वह कभी वाचाल है।
ज्ञान की पहचान होती नम्रता,
कष्ट देती धूर्तता विकराल है।
प्राप्त जिसको हो गया संतोष धन,
वह रहे हर हाल में खुशहाल है।
मत लगा आशा किसी से 'मधु' कभी,
यह जगत मिथ्या सखा बस काल है।
- मधु शुक्ला, सतना , मध्यप्रदेश