गजल (हिंदी) - जसवीर सिंह हलधर
Nov 20, 2024, 22:29 IST
लोभ लालच का खुलासा देख लो इस देश में ।
राजनैतिक छल तमाशा देख लो इस देश में ।।
पांव दलदल में फसे हैं और आगे बढ़ रहे ,
हाथ में सबके गंडासा देख लो इस देश में ।
आँख सूरज को दिखाते मान जाओ जुगनुओं ,
चर्म पर दिखती हताशा देख लो इस देश में ।
क्या हुआ उन वायदों का साथ जनता से किये ,
रोज घोटाला बड़ा सा देख लो इस देश में ।
एक गलती ने हमारे देश को खंडित किया ,
अब बनाएं मुँह सड़ा सा देख लो इस देश में ।
पी गया अन्ना तपस्या खा गया विश्वास को ,
केजरी खाया बतासा देख लो इस देश में ।
सोच पर अंकुश जरूरी हो गया है साथियों ,
हाल श्रद्धा का ज़रा सा देख लो इस देश में ।
रोज "हलधर "लिख रहा है देश के हालात पर,
सत्य का दीपक बुझा सा देख लो इस देश में ।
- जसवीर सिंह हलधर, देहरादून