गजल - मधु शुक्ला 

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रंग की सौगात लाया फाग आँगन में,
खो गया मन मीत के मदमस्त नयनन में।

भावना  अनुराग  की  लाई सुहाने पल,
राज करने है लगा ऋतुराज धड़कन में।

जब पधारा घर हमारे प्रिय अतिथि फागुन,
नेह  की  बरसी घटा घनघोर जीवन  में।

प्रीति  का  संदेश  लेकर  होलिका  आई,
हर्ष  का  संचार फागुन कर रहा मन में।

कीजिए 'मधु' प्यार से मधुमास का स्वागत,
जो  खुशी है प्रेम में  वह  है  नहीं धन में। 
— मधु शुक्ला, सतना,  मध्यप्रदेश 
 

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