गजल - मधु शुक्ला
Tue, 18 Apr 2023

है अगर लाभ मुस्कराने से ,
मुस्कराओ किसी बहाने से।
जिंदगी में कमी रहे जो भी,
बात बन जायगी निभाने से।
लोग निंदा करें न करना गम,
क्या मिलेगा हृदय जलाने से।
हो न आभास दर्द का जिसको,
फायदा क्या उसे बताने से।
देवता माँगते नहीं कुछ भी,
तृप्त होते सुमन चढ़ाने से।
— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश