गजल - मधु
Mar 26, 2024, 21:26 IST
सच है माया में भरमाई दुनियाँ है,
संतो ने भी जान न पाई दुनियाँ है।
बेटा, बेटी, भार्या में अटका मन रहता,
भूले क्यों प्रभु ने दिखलाई दुनियाँ है।
लोभी, क्रोधी, स्वार्थी जन ही यह कहते,
मत जोड़ो नाते हरजाई दुनियाँ है।
सद्भावों की रचना कर के ईश्वर ने,
ममता, करुणा से महकाई दुनियाँ है।
जो ईश्वर को ध्याते शुचि मन से जग में,
उसकी संगत में हर्षाई दुनियाँ है।
— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश