गजल - रीता गुलाटी
Sep 3, 2023, 22:33 IST

कभी यार ने कस्में खाई न होती,
सुनो जग मे तेरी हँसाई न होती।
रहे साथ हरदम निभाये हमेशा,
कभी भी नजर को छुपाई न होती।
सदा दूर रहते, गमो को भी सहते,
अगर तुमने पलके झुकाई न होती।
कही आँख मे इश्क परवान चढता,
नजर मे वफा को दिखाई न होती।
तुम्हीं छोड़ दो अब रूठे को मनाना,
अगर इश्क मे बेवफाई न होती।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़