ग़ज़ल - रीता गुलाटी
Dec 9, 2023, 20:45 IST
अब सजी महफिल मे आना हुआ,
तुम न आये फिर बहाना सा हुआ।
याद मे दिल अब तो मस्ताना हुआ,
देखकर अब तुमको मुस्काना हुआ।
रह रहे अब लोग घर परिवार मे,
आज तो बेकार समझाना हुआ।
प्यार मे तेरे हमें रोना पड़ा,
आपकी चाहत मे दीवाना हुआ।
लग गयी अब आँख तुमसे क्या करे।
याद मे तेरे तो पछताना पड़ा।
छोड़कर बेटा गये तुम हो शहर,
हाय फिर घर आज वीराना हुआ।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़