ग़ज़ल - रीता गुलाटी
Jan 31, 2024, 23:18 IST
चाँद तारे और सूरज जगमगाता कौन है ?
हँस रहा है आँसमा भी मुस्कुराता कौन है?
आ गयी ठंडक बड़ी है यार तुम बच कर रहो।
हाय ऐसी ठंड मे यारा नहाता कौन है?
यार तेरी है जरूरत भूलता फिर आज क्यों?
डूबते हैं प्यार मे हम यूँ डुबाता कौन है ?
आज के बच्चे बड़े हैं हौशियारी वो करे,
हो गये बच्चे बड़े उनको समझाता कौन है?
दूसरो का दर्द अब समझे नही कोई यहाँ।
छोड़ कर बच्चे गये घर अब पछताता कौन है।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चण्डीगढ़