ग़ज़ल - रीता गुलाटी
Mar 15, 2024, 22:33 IST
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चुना तुमको ये दिल देकर बताने मे मजा क्या है,
न टूटे इश्क मे गर दिल जमाने मे मजा क्या है।
न अब पूछो भले हमसे बताते है सभी तुमको,
लगा दिल से हमे लो हमको सताने मे मजा क्या है।
जवानी कब ढले तेरी नही तुम जानते ये सब,
बुला लो पास अब अपने जलाने मे मजा क्या है।
खड़े कब से लिये दिल को,नही सुनते कभी मेरी,
नही जँचते तुम्हे हम भी, भुलाने मे मजा क्या है।
रहो तुम दूर अब हमसे, नही तुमको बुलायेगे,
सहेगे दर्द हम दिल का,सुनाने मे मजा क्या है।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चण्डीगढ़