गजल - रीता गुलाटी
Apr 11, 2024, 22:24 IST

करते हैं बेवफाई वो बात क्या करे अब,
गुजरा जो तन मे उनके वो घात क्या कहे अब।
हमको मिला तू जबसे तन्हा से जी रहे थे,
हमने बिताये कैसे लम्हात क्या कहे अब।
क्यों बार बार रूठे जोड़े हैं हाथ हमने,
आ यार तुमसे पूछे जज्बात क्या कहे अब।
कैसे बितायी रातें गुजरी जो मुफलिसी मे,
ऐसे मे अपने दिल के हालात क्या कहे अब।
आँखों से राज दिल का कुछ यूँ भी कह सुनाया,
उजड़े हुऐ लम्हों की हम बात क्या कहे अब।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चण्डीगढ़