ग़ज़ल - रीता गुलाटी

 
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हुआ प्यार तुमसे जताना लिखेगें,
धड़कते दिलो का फसाना लिखेगे।

सुनूँ बात तेरी सभी को सुना दूँ,
बड़े प्यार से हम यराना लिखेंगे।

चलो गीत हमको जरा तुम सुना दो,
पुरानी सी धुन का तराना लिखेगें।

खता आज मेरी करो माफ अब तुम,
मिले प्यार को हम दिवाना लिखेगे।

भली या बुरी हूँ तुम्हें चाहती हूँ,
लुटा प्यार तुम पर तराना लिखेगे।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़ 
 

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