ग़ज़ल - रीता गुलाटी
May 24, 2024, 21:50 IST

लगी है आग दिल मे गर शरारत आपकी होगी,
कही टूटा किसी का दिल शराफत आपकी होगी।
कहूँ बाते मैं अब दिल की,नही समझे जुबां मेरी,
मरेगे हम बिना तेरे खिलाफत आपकी होगी।
कभी छूटा तुम्हारा संग जी हम भी न पायेगे,
बने ऐसे सितमगर तुम बगावत आपकी होगी।
नही है आपके काबिल भले तुम जानते सब कुछ,
मगर कैसे जिये अब हम हिकारत आपकी होगी।
जमाना है बड़ा कातिल नही समझे मसाफत को,
लगी है आग अब दिल मे नदामत आपकी होगी।
✍️ रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़