ग़ज़ल - रीता गुलाटी
Jun 19, 2024, 22:29 IST

नयन से हमे भी इशारे हुऐ हैं,
तभी तो अरे हम तुम्हारे हुऐ हैं।
करे प्यार तुमकों तुम्हारे हुऐ हैं,
सनम आपके हम तो सारे हुऐ है।
करें बात हमसे सदा सिर झुकाये,
निगाहों से ऐसे इशारे हुऐं हैं।
गुनाह क्या किया है तुम्हें पूछ लेगे,
तेरे प्यार मे अब बिचारे हुऐ हैं।
हमेशा तुम्हें प्यार हमने किया था,
खुशी से तुम्हारे दुलारें हुऐ हैं।
पनाह मे तेरे झुके आज सिर भी,
मुहब्बत मे तेरे ही प्यारे हुऐ हैं।
करे प्यार इतना तुम्हें सोचते अब,
भला या बुरा क्या जी हारे हुऐ हैं।
सदा प्रेम करती है *ऋतु अब तुम्हारी,
लगे याद तेरी पुकारे हुऐ हैं।
✍️ रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़