ग़ज़ल - रीता गुलाटी
Jul 16, 2024, 23:09 IST
तुम्हारे लिये दिल भी तड़पा बहुत है,
हुऐ है अकेले पुकारा बहुत है।
चुराया है दिल अब सताते बड़ा हो,
गमें दर्द तेरा तो प्यारा बहुत है।
मिले प्यार से खुशनुमा हो गये हम,
मगर दूरियों ने उतारा बहुत है।
सजी दिल की महफिल तुम्हारे लिये थी,
बना खूबसूरत नजारा बहुत है।
शजर को सजाया बड़े प्यार से*ऋतु,
ये करता फ्रिक अब तुम्हारा बहुत है।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़