ग़ज़ल - रीता गुलाटी
Jul 24, 2024, 22:27 IST
इस जिंदगी ने जख्म को चर्चा बना दिया,
तुम गैर हो भले,हमे अपना बना दिया।
पत्थर पड़ा था राह का सोना बना दिया,
गुरू ने तराश कर मुझे हीरा बना दिया।
धोखा किया है आपने,हमको पता नही,
लूटा हमे अदाओं से प्यारा बना दिया।
करते रहे हैं मान तुम्हारा सदा ही हम,
गुरूवर ने तराश कर बेटा बना दिया।
हम बेवफा नही तू ये बातें भी जानता।
बातों ने तेरी आज *ऋतु झूठा बना दिया।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़