ग़ज़ल - रीता गुलाटी
Aug 8, 2024, 22:14 IST
मेहमान चला आया, आदर से मिलो तुम भी,
भगवान उसे समझो, सत्कार करो तुम भी।
माया का बिछा जाला,तुम बच के जरा चलना,
गिरने का सबब समझो, हर हाल बचो तुम भी।
ना छोड़ जरा हिम्मत,सब दिल से दुआ देगें,
खुद जीत खुदा देगा,कोशिश तो करो तुम भी।
संसार बड़ा जालिम, टिकने भी नही देगा,।
कुछ काम करो जग में,उँचा भी उड़ो तुम भी।
जब प्यार किया तुमसे, डरना न जमाने से,
बदलेगें नजारे फिर ,चाहत को धरो तुम भी।
मंजिल भी सदा तेरी हर हाल मिले तुमको,
किस्मत भी तेरी चमकी, कोशिश तो करो तुम भी।
बंधन भी बड़े पक्के, कुछ सोच के चलना *ऋतु,
मजबूत हैं धागे भी,कुछ जाल बुनो तुम भी।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़