गजल - ऋतु गुलाटी
Wed, 8 Mar 2023

हमें आप से दूर होना न था,
नही भूल कर दूर जाना न था।
न होते खफा यार हमसे कभी,
चले छोड़ हमको बहाना न था।
रहो साथ मेरे सजन आप ही,
बिना आपके अब गुजारा न था।
रही मैं सफर पर बिना यार के,
मिले दर्द तेरा गँवारा न था।
कहें बात दिल की तुम्हें आज तो,
बिना आपके मुस्कुराया न था।
भले प्यार तेरा सताता हमे,
मिला साथ जब भी मनाना न था।
ऋतु गुलाटी ऋतंभरा, मोहाली, चंडीगढ़