गजल - ऋतु गुलाटी
Jul 24, 2023, 22:15 IST

दर्द सहकर हमें हँसाये हैं,
राज दिल का बड़ा छिपाये हैं।
पास रहकर हमें चिढ़ाता था,
प्रेम अमृत समझ चटाये हैं।
हम वफा आपसे ही कर बैठे,
बेवफा बन हमें रूलाये हैं।
पास आकर निगाह है फेरे,
बेरूखी के हम सताये है।
यार माँगे दुआ खुदा से अब,
प्यार तेरा हमे लुभाये हैं।
इश्क तेरा बुला रहा हमको,
प्यार देकर हमें रिझाये हैं।
पास रहकर भी दूर बैठे थे,
क्या मुहोब्बत में चोट खाये हैं।
- ऋतु गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़