हर हर गंगे - कालिका प्रसाद

 
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हे मां गंगा तुम जीवन दायिनी हो
नित कल-कल बहती रहती हो,
तुम मंगल करण अमंगल हरिणी हो
मां नित्य तुम्हारा ही हम गुणगान करें।

काम,क्रोध ,लोभ ,मोह और भय
विध्न  बाधाएं  सब दूर करती हो,
दया ,धर्म क्षमा, शान्ति साधना की देवी
मां हमें यश कीर्ति   प्रदान करो।

मां तुम दुख हर्त्ता ,शक्ति स्वरुपा हो
मां रोग शोक सब दूर कर दे
जीवन को त्याग तपोमय कर दे 
मां नित्य तेरा ही हम गुणगान करें।

मां गौमुख हिमालय से तुम निकली
तुम धरा की  साक्षात देवी हो,
भारत मां को हरियाली खुशहाली देती
पापनाशनी मोक्षदायिनी तुम हो।

मां तुम्हारा देवता भी गुणगान करें
भगीरथ के तप से धरा पर आई हो,
भागीरथी,अलकनंदा संगम जब हुआ 
देवप्रयाग से तुम मां गंगा कहलाई हो।
- कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड
 

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