गजब भय देशव मा - हरी राम यादव

 
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जागा यहि देशवा के गरीब मजदूर किसान हो।
यहि इलेक्शन याद रखिहा आपन सम्मान हो।

तनी दूर तक सोचा तोहार ई हालत भई कैसे।
काहे नाहीं बनी योजना तोंहका लैके।

तू किसान से मजदूर बन्या जड़ मंहगाई।
बढि गय लागत घटि गय खेती मा कमाई।

बढ़ा डीजल कै दाम एक दम बेतहाशा।
खाद की तौलाई मा बबुआ भया तमाशा।

खेती के औजार मा जी एस टी घुसाई।
ग़लत नीति से भय तोहार हालत धराशाई।

तोहरी गरीबी से सेठ भइलें मालामाल हो।
गजब भय देशव मा "हरी" तोहार हाल हो।
- हरी राम यादव, अयोध्या, उत्तर प्रदेश
 

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