निंदक नगर में नहीं चाहिए - हरी राम यादव
Mar 3, 2023, 19:53 IST

गुणगान करो, बखान करो,
चाहे हो न कोई भी आधार।
खुशियां चूमेंगी कदम आपके
आ जायेगी जीवन में बहार ।
आ जायेगी जीवन में बहार,
हार गले में फूलों का होगा।
मिलेगा पद पैसा और प्रतिष्ठा
बस जय जय कहना होगा।
आईना दिखाने में क्या रखा है,
उससे क्या हासिल होगा।
अब निंदक नगर में नहीं चाहिए,
हरी बने चाटुकार ही शोभा।।
- हरी राम यादव, अयोध्या , उत्तर प्रदेश