हिंदी से है हिंदुस्तान - अशोक यादव
सरल, सरस भाषा है हिंदी, हिंदी से है मेरी पहचान।
हिंदी हमारी आन-बान-शान, हिंदी से है हिंदुस्तान।।
देववाणी संस्कृत की उत्तराधिकारिणी भाषा है हिंदी।
स्वरों और व्यंजनों की वैज्ञानिकता अनुस्वार में बिंदी।।
हिंदी मातृभाषा, संपर्क भाषा, राजभाषा, राष्ट्रभाषा।
देश की उन्नति और आशा, जन-जन की अभिलाषा।।
हिंदी सबरस की गंगा बहाती, शोभा बढ़ाता अलंकार।
सर्व गुणों की अधिष्ठात्री, शब्द शक्तियों का भण्डार।।
सिद्धों और नाथों का ज्ञान अमृत, संतों की अमर वाणी।
सगुण और निर्गुण की भक्ति, प्रेम की धारा बही सुहानी।।
हिंदी में तुलसी के राजा राम है, सूर के कृष्ण लीलाधारी।
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी है, वीरांगना झाँसी वाली रानी।।
कोहिनूर हीरा जैसी कविता, मानव जीवन की कहानी।
अभिनेता करता है नाटक, अभिनेत्री सौंदर्य अतुलनीय।।
आओ हम सभी मिलकर, हिंदी भाषा का सम्मान करें।
गर्व से सिर को ऊँचा कर, हिंदी दिवस पर राष्ट्रगान करें।।
- अशोक कुमार यादव मुंगेली, छत्तीसगढ़