रग रग में हिंदुस्तान - रेखा मित्तल

 
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मेरे भारत का अक्षुण्ण आयाम है,
हर घर में जन्मा भारत माँ का लाल है।
माटी का जिसकी तिलक लगाए
ऐसा मेरा अद्भुत हिंदुस्तान है।
अमर गौरवपूर्ण गाथाएँ इसकी,
भगत सिंह, सुखदेव और सुभाष,
जन्मे यहाँ देशभक्त महान है.
रग रग में जिसके बसता हिंदुस्तान है।
हर नारी में बसती झाँसी की रानी है,
हर बहन अहिल्या यहाँ, दुर्गा भवानी है,
बाँध सर पर कफन लड़ी अंग्रेजों से,
रक्त की हर बूँद देती कुर्बानी है।
देश की आज़ादी की खातिर,
हँसते-हँसते फाँसी को गले लगाते हैं।
भगत सिंह और उधम जैसे परवाने,
आज़ादी को अपनी दुल्हन बताते हैं।
पावन धरा देश की अपनी,
रक्त से रंजित यहाँ जवानी है।
गाँधी, तिलक और लाला जी ने,
रची देशभक्ति की कहानी है।
जान लुटा दे इस देश की खातिर
रग रग में बसता हिंदुस्तान है।
- रेखा मित्तल, चण्डीगढ़

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