पावन गणतंत्र हमारा - सत्येन्द्र तिवारी
यह पावन गणतंत्र हमारा, इसको चलो सजायें,
इस गणतंत्र दिवस को, मिलकर आओ चलो मनायें।
सृजन चेतना और जागरण का यह हिन्दुस्तान,
नये वर्ष में आया फिर यह अपना देश महान।
बीता वर्ष कि जाते-जाते दर्द दे गया भारी,
आतंकी हमले न हो सकें ऐसी हो तैयारी।
भारत के हर जन-जन ने है दुश्मन को ललकारा,
कोई भी करे न ऐसी हरकत अब दोबारा।
अपना यह जनतंत्र सबक ले आगे इसे बढ़ायें,
इस गणतंत्र दिवस को मिलकर आओ चलो मनायें।
संघर्षों की कथा बड़ी है नमन शहीदों को अपना,
देश स्वतंत्र हुआ प्यारा साकार हुआ सब सपना।
चतुर्दिकों में प्रगति हमारी सबकी भागीदारी,
सृजन विकास और संरचना में सब हैं अधिकारी।
झण्डा ऊंचा रहे हमारा सबके हाथ तिरंगा,
सुचिता का जल रहे सदा जय पावन यमुना गंगा।
यह जन-गण का पर्व कि आओ गीत खुशी के गायें,
इस गण-तंत्र दिवस को मिलकर आओ चलो मनायें।
सत्येन्द्र कुमार तिवारी,