घर आँगन - मधु शुक्ला
Nov 22, 2022, 22:51 IST

घर आँगन का उपवन प्यारा।
मन को सुख देता है न्यारा।।
अपनेपन की हवा चले तो,
कोना कोना लगे दुलारा।।
नेह ओस के सुंदर मोती।
चुन ममता खुशियों को बोती।।
पुष्पों की सुंदर आभा लख,
हर्षित होकर नयन भिगोती।।
समय चक्र का आदर करना।
मधुरिम पल कुछ उससे बुनना।।
जिस माली ने सीख लिया हो,
उसके घर को आये हँसना।।
— मधु शुक्ला, सतना , मध्यप्रदेश