मैं ही राम, हूँ मैं कृष्ण - सुनील गुप्ता
Jan 9, 2024, 23:08 IST
मैं ही राम
हूँ मैं कृष्ण
मैं ही तेरा सच्चा मित्र प्रिय !
कहाँ ढूंढता, रहा तू मुझको.....,
मैं तो बसता तेरे ही हिय !!1!!
मैं ही सुदामा
हूँ मैं राधा
मैं ही तेरा प्रभु विधाता एक !
तू चाहे जिसको भी पूजे.....,
मिलें तुझे यहाँ सदा फल नेक !!2!!
मैं ही हनुमंत
हूँ मैं शंकरसुवन
है सेवा ही मेरा परम लक्ष्य !
बस करता चल यहाँ पे परमार्थ .....,
और पकड़े रहना सदैव ही सत्य !!3!!
मैं ही परा
हूँ मैं अपरा
और तीनों लोकों का हूँ स्वामी !
चाहें तू पूजे धरा जल अग्नि आकाश...,
हूँ मैं सभी में समाया, बसा अन्तर्यामी!!4!!
मैं हूँ अनंत
हूँ मैं आनंद
मैं ही सत चित्त संपूर्ण आनंद !
रहा तू कहाँ, यहाँ से वहाँ भटकता....,
बस लगाले ध्यान, पा लेगा परमानंद !!5!!
सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान