खैरागढ़ की पहचान, खैरागढ़ संगीत विश्व विद्यालय - निहारिका झा
आओ तुमको आज सुनाऊं।
खैरागढ़ की कहानी
छत्तीसगढ़ का एक जिला
3 सितंबर बाइस को
है अस्तित्व में आया
कहते इसको संगीत नगरी
एक रियासत बड़ी अनूठी
नाम था जिसका"खैरागढ़ "
खैर वृक्ष की यहां अधिकता
नाम रखा था खैरागढ़
राज खड्ग सिंग जनक थे
नागवंशी कुल के सिरमौर
जिनकी वंशज इक सुकुमारी
नाम था जिसका
इंदिरा प्यारी
अल्पायु में हुई दिवंगत
संगीत बसा था जिसके
तन मन।
याद में उसकी राजा जी ने
महल किया संगीत को अर्पण।
उसी जगह पर नींव रखी
संगीत कला केंद्र की
महाद्वीप एशिया में
एक मात्र यह केंद्र कला का
संगीत विश्व विद्यालय कहलाया।
कई विधाएं और कलाएं
पहचान बनी विद्यालय की
गुरुकुल सा रिवेश यहां का
शिष्य गुरु की भक्ति करते
देते उनको देव सा मान
इस विद्यालय ने है दिए हैं
"लता"के जैसे भारत रत्न।
मंदिर है यह कला संस्कृति का
इनसे हैं दीक्षित छात्र
सारी दुनिया में हैं बिखरे
इनकी कला के कारण
खैरागढ़ विख्यात हुआ
खैरागढ़....।।
- श्रीमती निहारिका झा
खैरागढ़ राज.(36गढ़)