दोहों में जगन्नाथ - कर्नल प्रवीण त्रिपाठी
Jul 21, 2024, 21:41 IST

धीरे धीरे बढ़ चले, गुंडीचा की ओर।
जगन्नाथ के नाम का, संग गूँजता शोर।।11
कंधे से कंधे छिले, जन-जन हुआ अधीर।
दर्शन पा बलभद्र के, हर्षित सभी शरीर।।12
बहन सुभद्रा के बसी, मन में नवल उमंग
दाऊ के पीछे चलीं, भ्राता द्वय के संग।13
घण्टुल ध्वनि सुन रथ चले, जन समुद्र के साथ।
उनके रथ को खींचने, लगे सहस्त्रों हाथ।।14
उल्लासित भगिनी हुईं, प्रफुलित सर्व समाज।
पा उनका आशीष अब, बनें सभी के काज।।15
- कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश