जय श्री राम - मीनू कौशिक
Jan 20, 2024, 23:07 IST
बिता चौदह बरस वन में , अवध श्री राम आए हैं,
मिटाकर वंश रावण का , जगत सुखधाम आए हैं ।
दिवाली है बड़ा संदेश, जग के हर दशानन को ,
कि सच के सामने छल,और कपट न काम आए हैं ।
पिता की मानकर आज्ञा , वो सिंहासन तज देता है ,
पराई पीर पीकर भी , वो पीड़ा में मुस्काता है ।
यूं ही , एक ही दिवस में ही नहीं, कोई राम बन जाता ,
हवन खुशियों का करता है ,वो वन वन ठोकर खाता है ।
त्याग विनय की मूरत राम, जय श्री राम जय श्री राम,
अंत समय के साथी राम , जय श्री राम जय श्री राम ।
जग में सबसे प्यारा नाम , जय श्री राम जय श्री राम ,
जय श्री राम जय श्री राम , जय श्री राम जय श्री राम ।
✍️ मीनू कौशिक "तेजस्विनी", दिल्ली