समेटते रहें खुशियां, बिखरी हैं जो आसपास - उषा जैन 'शीरीं'

 
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Utkarshexpress.com - तनाव भरी जिन्दगी! यही है आज का कड़वा सच। कैसे बहार लाएं ऐसी जिन्दगी में, ताकि तनाव छूमंतर हो जाए? अपने भीतर के बच्चे को आपने समाज के लोगों के डर से डरा-धमकाकर समझाकर खामोश कर दिया है, अपना बड़प्पन जताने, अपनी इमेज के कैदी जो बन गए हैं आप।
क्या ऐसे ही गुजार देंगे आप जिन्दगी बगैर सच्चा लुत्फ उठाए? हमेशा ना सही मगर प्रतिदिन कुछ समय के लिये तो आप अपने आप से रूबरू हो ही सकते हैं। साथ ही कुछ फार्मूले (खुश रहने के) आजमा सकते हैं।
रोज एक ही डाइनिंग टेबल पर बैठकर उसी अंदाज में खाते अक्सर बोरियत होने लगती है। क्यों न जगह बदलकर खाया जाये? कभी पतिदेव को भी सेवा का मौका दें। रोज उन्हें ही गर्म भोजन खिलाना आपका ही ठेका नहीं है। अगर वे वास्तव में आपसे प्यार करते हैं, आपकी केयर करते हैं तो जरूर कुछ मदद जो वे कर सकते हैं, करके दिखायेंगे।
टीवी से आज लोगों को फुर्सत नहीं। चिपककर बैठ गए तो सारी दुनिया भुला बैठेंगे मगर वे यह नहीं जानते कि यह दिमाग के लिए स्लो पॉयजन है। रेडियो सुनना इससे बेहतर विकल्प है।
जिम के बजाय नृत्य से बेहतर वर्कआउट हो सकता है? इसके लिए आपको न पैसे खर्चने होंगे न जिम आने-जाने की जहमत उठानी होगी। नृत्य से आत्मिक शांति मिलती है और खुशियां भी हजार।
सेक्स संबंधों में नयापन लाएं। बशर्ते दोनों पार्टनर उस पर सहमत हों और इन्हें एंजॉय करें। साथ-साथ हॉट फिल्में देख सकते हैं। एक-दूसरे के साथ पूरी तरह वल्गर हो सकते हैं। बच्चों की तरह बिहेव करते हुए, मासूम चुहलबाजियां करते हुए ठहाके लगा सकते हैं। घर की सेटिंग में बदलाव भी मन प्रफुल्लित करता है। सुंदर तस्वीरें, सजावटी सामान से घर को संवार दें। जरूरी नहीं है ये कॉस्टली ही हो। बस टेस्ट अच्छा होना चाहिए। टीवी बेडरूम में रखना ठीक नहीं, इसे लॉबी या ड्राइंगरूम में ही रखना उचित है। बेडरूम में आराम जरूर लगता है, लेकिन उससे गलत आदतें बन जाएंगी। अतीत में विचरना बुरा नहीं, लेकिन बस थोड़ी देर की सैर ही उचित होगी। आप इन्हीं रास्तों कोनों से जुड़ी उन घटनाओं को याद करें, जिनसे आपको खुशी मिले। कुछ सुहाने यादगार पल जो दोबारा आपको खुशी दें, उन्हीं की जुगाली करें।
आपके घर की खिड़की पर झांकता कोई फुलों का गुच्छा, लॉन में बिछी हरी घास, उड़ता हुआ कोई चहचहाता पंछी, आसमान में तैरते रुई के फाहे से बादल, सुबह उगता सूरज, शाम को सूर्यास्त का नजारा, रात को अपनी चांदनी बिखेरता आसमान में खिला चांद, कुछ देर निहारिए तो सही। डूब जाइए उनकी खूबसूरती में, भुला दो दुनिया के सारे रंजोगम। सच, प्रकृति के पास आपको खुश करने के लिए अनगिनत सौगातें हैं।  मित्र और रिश्तेदार आपको ऊर्जा देते हैं। उनमें अच्छे संबंध बनाकर रखें, जिनसे मन न मिलता हो और जिनके साथ इंटरएक्ट कर आप डिप्रैस या टैंस फील करती हों, उनसे दूरी बनाने में ही भलाई है।  पढऩे का शौक अच्छा है। अच्छा टाइमपास भी है। यह आपकी ग्रोथ में मदद करता है। पढ़कर ही दुनिया में क्या हो रहा है, पता चलता है। दुनिया भर के लोगों के कल्चर को जानकर सोच को विस्तार मिलता है। यह आपको भीतर से समृद्ध करता है।
जहां तक संभव हो टिपटॉप रहने की कोशिश करें। अच्छे दिखेंगे, तभी अच्छा फील करेंगे। जो मन आये वही पहनें। आप बेहतर जानती हैं कि आपको क्या सूट करता है।
पुरानी सहेलियों, दोस्तों से मिलने का मौका न गंवाएं। इंटरनेट ने उनसे संपर्क कर पाना सुलभ कर दिया है। उनके साथ पुराने दिनों की मीठी यादें ताजा कर आप तरोताजा हो जाएंगी। अपनी कल्पनाशक्ति टी.वी. के आगे बैठकर नष्टï ही न कर लें। कल्पना के सुनहरी पंखों पर जब जी चाहे उड़ान भरें।  यह समय की बर्बादी कतई नहीं होगी, बस उड़ान लंबी और देर तक न ली जाए यह ध्यान रहे, क्योंकि तब वाकई समय की बर्बादी होगी। खाने में नये-नये प्रयोग करें, एक-सा खाते रहने की ऊब से छुटकारा मिलेगा। अंत में एक शेर के मुताबिक दिल बहलाने को कहीं और न जाकर घर की चीजों को ही सजाया जाए। इसका भी अपना मजा है। (विभूति फीचर्स)

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