रखा करो नजदीकियाँ यारों - सुनील गुप्ता
Nov 26, 2024, 22:10 IST
( 1 ) रखा
करो नजदीकियाँ,
मिलते-जुलते, रहा करो !
कल किसने देखा है यहाँ पे.....,
जी भरकर, गुफ़्तगू कर लिया करो !!
( 2 ) करो
मुलाक़ात यहाँ,
बिना स्वार्थ, मतलब के प्यारों !
चलें संभालते, इसे बागबाँ की तरह...,
आओ अपनी वाटिका, महकालें यारों !!
( 3 ) नजदीकियाँ
रहें बढ़ाते,
मिल आया करें, गाहे-ब-गाहे !
कोई आपके द्वारे, आए या न आए.,
जाकर अवश्य, मिज़ाज-पुर्सी कर आएं !!
( 4 ) यारों
आया करो,
घर-देहरी पर यूँ ही मुस्कुराए !
न जाने, कब पता चले तुम्हें कि...,
वो, चला गया, आँखों में सपने बिसराए !!
सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान