मां अन्जनी के लाल - कालिका प्रसाद 

 
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चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पुनित दिवस है,
हनुमान जन्मोत्सव मनाते धूम धाम से,
त्रेता युग में रुद्रावतार प्रकट हुए,
अंजनी, केशरी के घर कपि रूप लिये।

बालपन में सूर्य को निगल लिया,
शैल सहित संजीवनी पवन पुत्र लाये ,
लंका जाकर सीताजी का पता लगाया,
मां अन्जनी के लाल तुम बडे़ बलवान।

राम-भक्ति में रहते हर वक्त लीन,
बानर राज सुग्रीव  के तुम मन्त्री हो,
जो भी श्री हनुमान जी का नाम जपे,
उसकी हर विपदा अपने आप करे।

तुम ही  तो बल के धाम हो प्रभु,
तुम गुणों की खान हो महावीर जी,
तुम दया के सागर हो केसरी नंदन जी,
तुम कष्ट हरण नाशक हो पवन पुत्र।

मां जानकी के तुम अति प्रिय हो,
भरत लाल  के  तुम  सखा हो ,
विद्या विनय का हमको दे दो दान
कृपा  करो हे श्री हनुमान जी।
- कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रुद्रप्रयाग उत्तराखण्ड
 

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