गीत - जसवीर सिंह हलधर 

 
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महानता जहान को दिखा रही है भारती ।
विज्ञान संग वेद भी सिखा रही है भारती ।

कहीं पुकार धर्म की कहीं पुकार कर्म की ।
महीन चोट मर्म की  ,सरीन ओट शर्म की ।
जमीन चाँद चांदनी नवीन राग रागनी ,
विशाल रूप धार मुस्करा रही है भारती ।
महानता जहान को दिखा रही है भारती ।।1

उड़ा जहाज व्योम में मशीन बोलती हुई ।
जहाज़ की दहाड़ से जमीन डोलती हुई ।
उड़ान आसमान की महान देश यान की,
प्रवीन गीत जीत के सुना रही है भारती ।
महानता जहान को दिखा रही है भारती ।।2

सड़ी सड़ी कुरीति नीति आग झोंक दे रही ।
अड़ी पड़ी अनीति  प्रीत राग रोक दे रही ।
दिशा दिगंत लाल है जली नई मसाल है ,
मज़ा कमीन पाक को चखा रही है भारती ।
महानता जहान को दिखा रही है भारती ।।3

विशाल देव लोक  को महीन तोलती हुई ।
खगोल के प्रलोक के रहस्य खोलती हुई ।
पुराण ध्यान योग से बचे शरीर रोग से ,
दवाब चीन देश पै बना रही है भारती ।
महानता जहान को दिखा रही है भारती ।।4
- जसवीर सिंह हलधर , देहरादून
 

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