गीत - ममता सिंह राठौर
Sep 6, 2023, 22:09 IST
मोहिनी मुरलिया बाजे है सांवरिया,
मिश्री सी मन में घोले है,
कान्हा-कान्हा बोले है,
मुरली की धुन पे जिया डोले है।
लागे सांवरिया कुछ बोले हैं
मीठा-मीठा मन में घोलें हैं
सांवरे सलोने बड़े भोले हैं।
ठंडी-ठंडी मन में हिलोरे हैं,
मथनी से जैसे कुछ बिलोरे है,
रोम -रोम कान्हा कान्हा बोले है,
सांवरे सलोने रंग घोले हैं।
नैनों के द्वार हम न खोलें हैं,
सावरी चुनरिया हम तो ओढ़े हैं,
चारो तरफ जिनका धाम है,
कान्हा-कान्हा-कान्हा
कान्हा जिनका नाम है।
– ममता सिंह राठौर, कानपुर, उत्तर प्रदेश