गीत - मधु शुक्ला

 
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पूजा नवदुर्गा की हम सब, करते हैं नवरात्रि में,

मातु भवानी के चरणों को, गहते हैं नवरात्रि में।

चैत्र प्रतिपदा शुक्ल पक्ष को, शैलसुता का ध्यान करें।

भक्त सभी उज्ज्वल भावों से, माता का गुणगान करें।

ब्रम्हचारिणी को द्वितीय दिन, भजते हैं नवरात्रि में.... ।

चंदाघंटा,  कूष्मांडा,  तृतीय, चतुर्थ  दिन  प्रगटें।

भक्त भजें जो इनको उनके, दुष्कर भव के बंध कटें।

कात्यायनी, स्कन्द, काली को, जपते हैं नवरात्रि में.... ।

गौरी माता, सिद्धिदायनी, अष्टम नवम दिवस आतीं।

कन्या पूजन, हवन, पाठ लख, माता रानी सुख पातीं।

माँ के आशीषों के मोती, झरते हैं नवरात्रि में...... ।

--- मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश

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