माँ की लाल चुनरी - सविता सिंह
Apr 15, 2024, 21:51 IST
घर द्वार भी सजाए,
बंदनवार भी लगाए,
किया घट को स्थापित
अखंड दीप भी जलाएं,
रूप माता की देखो कैसे निखरी,
शोभे है मोहक माँ की लाल चुनरी|
मां की हो रही है आरती,
भक्तों को कष्टों से तारती,
पाठ करेंगे मैया तेरी रोज,
सबकी जिंदगी तू ही संवारती
पहनाऊंगी मां तुझे भर भर चूड़ी,
शोभे है मोहक माँ की लाल चुनरी|
मेरे जौ खिल गए,
हरसिंगार खिल गए,
तेरी ज्योत से माता,
घर द्वार खिल गए,
रखूंगी जगराता सब आना सखी री,
मैया देख लाई हूं तेरी लाल चुनरी|
पहनाऊँगी तुझे तो सोने की मुंदरी
शोभे है मोहक माँ की लाल चुनरी|
- सविता सिंह मीरा , जमशेदपुर